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बेशरम चड्डा

मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती ग़द्दारी , लोभ की मुठ्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती सबसे ख़तरनाक होता है मुर्दा शांति से मर जाना न होना तड़प का सब सहन कर जाना घर से निकलना काम पर और काम से लौटकर घर आ जाना सबसे ख़तरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना.

शनिवार, 22 दिसंबर 2007

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प्रस्तुतकर्ता Unknown पर 1:45 am

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हमारे सपनों का मर जाना.

मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती
ग़द्दारी,लोभ की मुठ्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती
सबसे ख़तरनाक होता है मुर्दा शांति से मर जाना
न होना तड़प का
सब सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर आ जाना
सबसे ख़तरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना.