मन मछेरा हो गया
तुम हृदय के द्वार पर आएउजेरा हो गया
आँसुओं ने एक लिख डाली कथाथी छिपी जिसमें घरौंदे की व्यथाकिंतु तिनके बीन तुम लाएबसेरा हो
इस जगत ने झूठ ही हमको दियाहमने तेरी आँख से सच को पियाअब निशा का तम भले छाएसवेरा हो गया
तुम हृदय सागर तलक जाओ ज़रासीप के मोती उठा लाओ ज़रामन हमारा मीन बिन पाएमछेरा हो गया
चल रहा हर पाँव तपती रेत परक्यों न सुस्ता लें ज़रा-सा खेत पररास्ते को क्या कहा जाएलुटेरा हो गया
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